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चेहरे पर होने वाले काले दाग धब्बों के कारण, प्रकार, इलाज तथा बचाव


बेदाग, निखरी और साफ त्वचा तो सभी चाहते हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। चेहरे की खूबसूरती निखारने के लिए हम क्या-क्या नहीं करते हैं। महंगे से महंगे उत्पाद तक खरीद डालते हैं। हर किसी कि चाहत होती है की उसके चेहरे की चमक पूरी उम्र बनी रहे। 

 

कभी त्वचा संबंधी समस्याएं, तो कभी त्वचा की देखभाल के प्रति लापरवाही हमारे चेहरे की चमक को फीका करने लगती हैं। त्वचा पर नजर आने वाले मुहांसो के दाग, झाइयाँ व काले धब्बे आदि चेहरे की खूबसूरती को दिन-प्रतिदिन कम करते जाते हैं। इनसे निजात पानेके लिए लोग डर्मेटोलॉजिस्ट के चक्कर भी काटते हैं। चेहरे के काले धब्बे हमे चार लोगों के सामने खुलकर खड़े होने में असहज महसूस कराते हैं।

 

 

 

क्या हैं  त्वचा के ये काले धब्बे?

काले धब्बे, इन्हें हाइपरपिगमेंटेशन या मेलास्मा भी कहते हैं। आमतौर पर यह त्वचा में असमान्यता या सूर्य के संपर्क में अधिक देर तक रहने से हो जाते हैं। जब हमारे चेहरे की त्वचा के कुछ हिस्सों का रंग अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक गहरा हो जाता है, तो उन्हें डार्क स्पॉट्स या काले धब्बे कहते हैं। दरअसल हमारी त्वचा रंगद्रव्य पैदा करने वाली कोशिकाओं से अपना रंग प्राप्त करती है, जिसे मेलानोसाइटिस कहा जाता है। मेलानोसाइटिस से ही मेलानिन का उत्पादन होता है। जब यह कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं तो वे त्वचा के कुछ हिस्सों में ज्यादा मेलानिन का उत्पादन शुरू कर देते हैं। जिस कारण त्वचा के कुछ हिस्से काले नजर आने लगते है, जिन्हें हम काले दाग धब्बे कहते हैं।

 



काले दाग धब्बों के प्रकार 

(Type of Dark Spots)

आजकल की स्वावलंबी लड़कियों को गोरा या काला होने से फर्क नही पड़ता है बल्कि फर्क पड़ता है तो एक खूबसूरत त्वचा के होने से। कई बार मेकअप भी डार्क स्पॉट्स को छुपा नहीं पाता। वैसे ये दाग धब्बे आजकल की स्वाबलंबी लड़कियों की खूबसूरती को कम नहीं करता, लेकिन अगर बात जब उनके आत्मविश्वास की हो तो असर जरूर पड़ता है। खासकर कि काले दाग-धब्बे होने से। यह एक ऐसी समस्या है, जो कई बार आपके खराब स्वास्थ्य को भी दर्शाता है। क्या आप अपनी इस परेशानी से निजात पाना चाहते हैं, यदि हां तो पहले जानिए कि आखिर यह क्या है? और आपको किस प्रकार के काले दाग-धब्बे हैं। फिर उसी अनुसार उसका उपचार भी करें। इस लेख के अगले भाग में हम बताने जा रहे हैं कि चेहरे पर काले दाग और धब्बे कितने प्रकार के होते हैं।

चेहरे पर होने वाले काले दाग धब्बे मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं। इन चारों प्रकार के बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं :

1. झाइयाँ:- जब त्वचा में मेलेनिन की मात्रा बढ़ जाती है तथा उसके कारण गाल और नाक के आसपास, जो छोटे-छोटे काले या भूरे धब्बे पड़ने लगते हैं, उन्हें झाइयां (फ्रेकल) कहा जाता है। इसे आमतौर पर फोटोएजिंग यानि यूवी किरणों के बार-बार संपर्क में आने के कारण त्वचा का समय से पहले बूढ़ा होना का संकेत भी माना जाता है।

2. अतिवर्णकता (हाइपरपिगमेंटेशन):- इस दौरान त्वचा में मेलेनिन यानि स्किन को गहरा रंग देने वाला तत्व की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण त्वचा का रंग गहरा हो सकता है या डार्क स्पॉट्स नजर आ सकते हैं। 

3. लिवर स्पॉट्स:- आप नाम पे ना जाये, इस तरह के दाग धब्बों का लिवर से कोई लेना देना नहीं है बल्कि ये तो काले या भूरे रंग के धब्बे होते हैं जो धूप और बढ़ती उम्र के कारण हो सकते हैं। ये अक्सर 40 साल की उम्र के बाद ही होते हैं। इस तरह के दाग-धब्बों को सोलर लेंटिगो के नाम से भी जाना जाता है।

4. मेलास्मा:- ये त्वचा पर होने वाले, वो काले दाग धब्बे हैं, जो सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने से होते हैं। यह त्वचा से जुड़ी ऐसी समस्या है, जो यूं तो किसी को भी हो सकती है, लेकिन यह कम उम्र की महिलाओं में आम है। गर्भावस्था के दौरान या सूर्य के संपर्क में आने के दौरान मेलास्मा शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण हो सकता है। हार्मोन कोशिकाओं के विकास को उत्तेजित करता है जो भूरे रंग के वर्णक (मेलेनोसाइट्स) बनाते हैं और सूरज की रोशनी के संपर्क में मेलेनिन रंगद्रव्य को उत्तेजित करते हैं।



काले दाग धब्बों के कारण 

(Causes of Dark Spots)

त्वचा के ये काले दाग-धब्बे हमारे चेहरे की रंगत को फीका कर देते हैं। बाजार में इससे निजात पाने के लिए कई त्वचा का रंग हल्का करने (skin lightening) वाले उत्पाद भी मौजूद हैं, जो आपके चेहरे को गोरा और दाग रहित करने का दावा करते हैं। मगर इनका लगातार इस्तेमाल करना चेहरे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार एलर्जी, मुंहासों या हार्मोन के असंतुलन की वजह से भी चेहरे पर काले दाग-धब्बे पड़ जाते हैं। यह पैच बड़े या छोटे हो सकते हैं। गर्भधारण के बाद महिलाओं के चेहरे पर ऐसे ही काले दाग-धब्बे पड़ने लगते हैं, जो डिलीवरी के बाद हल्के पड़ जाते हैं। इस लेख के अगले भाग में हम जानेंगे की चेहरे पर काले दाग धब्बे के क्या कारण होते हैं।

 

दोस्तों चेहरे के दाग धब्बे कैसे हटाएं यह जानने से पहले त्वचा पर होने वाले काले दाग धब्बों के कारणों के बारे में पता होना जरूरी है। इसके कई सारे कारण हो सकते हैंजैसे - 

1.    हार्मोनल दिक्कत

2.    सौंदर्य उत्पादों का ज्यादा इस्तेमाल

3.    उम्र का बढ़ना

4.    प्रदूषण

5.    सूरज और अन्य यूवी किरणों के कारण

6.    गर्भावस्था

7.    गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन

8.    इंफ्लेमेशन या फंगल इंफेक्शन के कारण

9.    कुछ दवाएं जैसे कि माइनोसाइक्लिन या कीमोथेरपी

10.शरीर में आयरन की अधिकता

11.जन्म के समय के निशान

12.रैशेज या चोट इत्यादि

 

 

काले दाग धब्बों का इलाज 

(Medical Treatments For Dark Spots)

दोस्तों चेहरे के इन काले दाग धब्बों का कई तरीकों से इलाज किया जा सकता है। यदि निशान और पैच ज्यादा गहरे हैं तो इसके लिए बोटॉक्स या फिर लेजर थैरेपी भी कराई जा सकती है। इसके अलावा आप आपको सौन्दर्य उत्पादों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। यदि आप ऐसे प्रोफेशन में जहां इनसे बचना मुश्किल है तो कुछ भी लगाने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं। दिन में दो बार सनस्क्रीन लगा सकते हैं। हालांकि, काले दाग दूर करने के लिए होम्योपैथी में भी इसका इलाज है। बरबरी एक्वाफोलियम और सीपिया ये दो दवाइयां हैं, जिनसे यह कम हो सकता है। साथ ही आप विटामिन ए, सी, ई और बी-12 के सप्लीमेंट्स भी लें सकते हैं।

 

 

काले दाग धब्बों से बचाव 

(Prevention against Dark Spots)

1. पानी हमारे शरीर की हर जरूरत को पूरा करता है। आप जितना पानी  पीएंगे आपकी त्वचा उतनी साफ रहेगी। पानी आपको हाइड्रेट रखने के साथ साथ शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है। आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना है कि पूरा दिन पानी पीते रहें। दिन भर में लगभग 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं।

2. दोपहर के भोजन में सलाद अवश्य लें। फल और स्प्राउट्स यानि अंकुरित अनाज को अपने आहार में शामिल करें। संतरा, नींबू, अमरूद, सेब, पपीता, अंगूर इत्यादि फल जिनमे विटामिन सी होता है इन्हे अवश्य खाएं। विटामिन सी (Vitamin-C) न सिर्फ स्किन टाइटनिंग का काम करती है, बल्कि मेलानिन को भी नियंत्रित करती है।

3. डार्क स्पॉट्स को दूर करने के लिए अपने आहार में गाजर, हरी सब्जियां, चुकंदर और अंडे शामिल करें। इनमें विटामिन ए (Vitamin-A) की मात्रा बहुत होती है।

4. सूरजमुखी का तेल, बादाम और पालक भी जरूर खाएं। इसमें विटामिन ई (Vitamin-E) भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट का काम करते है।


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